लहै बरै लहै
भोक लाग्दा मकै,
तीर्खा लाग्दा मोही,
जवानीमा पोइ ,
लहै बरै लहै ।
मंसीरमा लगन
युवा पीढि मगन
नवांगीको सगुन
लहै बरै लहै ।
स्याउझैं गाला
पहाडकी वाला
हरिणको चाला
लहै बरै लहै ।
धेरै रोज्ने केटी
बुढी कन्ये भई
बुढो पोइ भेटी
लहै बरै लहै ।
फागुनमा होली
तीजमा चोली
भुलाउने बोली
लहै बरै लहै ।
फूलमा माहुरीको भुन-भुन
मोबाइलमा ठिटा-ठिटी गुन-गुन
पोखरामा हनीमून
लहै बरै लहै ।
-(२०७० चैत ११ )